आर एन आई और डीएवीपी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपया डकार रहे हैं यह फर्जी सरकुलेशन धारी समाचार पत्र

भारत के समाचार पत्रों के पंजीकरण कार्यालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि यहां तो होल्डिंग्स स्टेशनरी कीमत में ही नहीं वरन फर्जी पिए पेट्रोल बिल आदि के वाउचर में भी भयंकर अनियमितताएं हैं ऑडिट द्वारा भी एक मुश्त किस्त के पीछे इन अनियमितताओं की अनदेखी कर दी जाती है जिससे सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति झेलनी पड़ती है


आर एन आई द्वारा समाचार पत्रों के सरकुलेशन के पत्राचार के आंकड़ों के साथ-साथ भौतिक सत्यापन के लिए भी अपने विभाग में निरीक्षकों की नियुक्ति कर रखी है परंतु यह सफेद हाथी सरकार के हित में ने करके अपने हित में ही लगे रहते हैं एक आकलन के अनुसार प्रति वर्ष समाचार पत्रों के सरकुलेशन सत्यापन से सुविधा शुल्क के रूप में ही एक बड़ी राशि एकत्रित होती है जिसका बड़ी ईमानदारी से प्रतिवर्ष के हिसाब से कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक में बटवारा हो जाता है


इस कार्यालय में तैनात निरीक्षकों की आमदनी का एक स्रोत और भी है कुछ निरीक्षक मौके पर जाते ही नहीं उनका सुविधा शुल्क स्वता ही समय पर उनके घर पहुंच जाता है तब ऐसे निरीक्षक रिपोर्ट ऑफिस में ही बैठकर लिख देते हैं और आने-जाने का टीए डीए आदि भी सरकार से ही वसूल करते हैं यह तो वही बात हुई आम के आम गुठलियों के दाम


इस विभाग में पंजीयक की भूमिका धृतराष्ट्र जैसी है जिसे दिखाई नहीं देता जहां करता कोई और है परंतु मोहर पंजीयक की ही लगती है यानी ठीकरा पंजीयक के सिर पर ही फोड़ा जाता है